यमुना में नई जान : यमुना का दर्द, वी वन फाउंडेशन का मरहम


लेखक : अजीत कुमार पाण्डेय

21 जुलाई 2025

नई दिल्ली : दिल्ली की जीवनरेखा, यमुना नदी, आज भी अपनी बदहाली पर आँसू बहा रही है। लेकिन इन आंसुओं को पोंछने और यमुना को नया जीवन देने के लिए कई हाथ आगे बढ़ रहे हैं। हाल ही में, वी वन फाउंडेशन ने एक ऐसी ही प्रेरणादायक पहल की, जिसने न केवल यमुना सफाई अभियान में महत्वपूर्ण योगदान दिया, बल्कि कालिंदी सेवा सम्मान से सम्मानित होकर दूसरों के लिए भी एक मिसाल कायम की। यह कहानी सिर्फ एक सम्मान की नहीं, बल्कि दिल्ली की यमुना के प्रति अटूट समर्पण और उम्मीद की है।

दिल्ली की यमुना नदी सदियों से लाखों लोगों की आस्था और आजीविका का केंद्र रही है। लेकिन, अनियोजित शहरीकरण और औद्योगिक कचरे ने इसे एक नाली में बदल दिया है। इसकी दुर्दशा देखकर हर संवेदनशील व्यक्ति का मन व्यथित हो उठता है। ऐसे में, जब कुछ संस्थाएं इसके लिए निस्वार्थ भाव से काम करती हैं, तो एक नई उम्मीद जगती है। वी वन फाउंडेशन उन्हीं में से एक है।

8 जून को, कालिंदी स्वच्छता संरक्षण संघ द्वारा आयोजित यमुना सफाई कार्यक्रम में वी वन फाउंडेशन के सदस्य नितिन पंवार और मनोज पिप्पल ने सक्रिय रूप से भाग लिया। उन्होंने न केवल श्रमदान किया, बल्कि दूसरों को भी इस नेक काम में जुड़ने के लिए प्रेरित किया। इस अभियान में, उन्होंने यमुना के किनारों से कचरा हटाया, प्लास्टिक और अन्य हानिकारक सामग्री को साफ किया, जिससे नदी का एक छोटा सा हिस्सा ही सही, लेकिन स्वच्छ दिखने लगा।


समर्पण का फल: कालिंदी सेवा सम्मान

वी वन फाउंडेशन के अथक प्रयासों और यमुना सफाई अभियान में उनके योगदान को देखते हुए, कालिंदी स्वच्छता संरक्षण संघ ने उन्हें "कालिंदी सेवा सम्मान" से नवाजा। यह सम्मान एक साधारण स्मृति चिन्ह नहीं, बल्कि यमुना के प्रति उनके सच्चे प्रेम और समर्पण का प्रतीक है। फाउंडेशन के संस्थापक जयराम और महासचिव मनोज पिप्पल ने संयुक्त रूप से यह सम्मान ग्रहण किया। इस पल ने न केवल वी वन फाउंडेशन के सदस्यों को गर्व महसूस कराया, बल्कि उन्हें भविष्य में यमुना संरक्षण के लिए और भी अधिक काम करने के लिए प्रेरित किया।

क्यों जरूरी है यमुना की सफाई?

पारिस्थितिक संतुलन: यमुना नदी कई जलीय जीवों और वनस्पतियों का घर है। इसका प्रदूषण इन प्रजातियों के जीवन को खतरे में डाल रहा है।

स्वास्थ्य जोखिम: प्रदूषित पानी पीने और नहाने से गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

सांस्कृतिक महत्व: यमुना का भारतीय संस्कृति और धर्म में विशेष स्थान है। इसकी पवित्रता बनाए रखना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है।

पर्यटन और अर्थव्यवस्था: एक स्वच्छ यमुना दिल्ली में पर्यटन को बढ़ावा दे सकती है और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत कर सकती है।

एक छोटे कदम से बड़ी उम्मीद

वी वन फाउंडेशन का यह प्रयास एक छोटा कदम लग सकता है, लेकिन यह दिल्ली की यमुना को बचाने की दिशा में एक बड़ी उम्मीद जगाता है। यह दर्शाता है कि अगर हर व्यक्ति और संस्था अपनी जिम्मेदारी समझे, तो यमुना को उसके पुराने गौरवशाली स्वरूप में लौटाया जा सकता है। सम्मान ग्रहण करते समय, वी वन फाउंडेशन के पदाधिकारियों ने कालिंदी स्वच्छता संरक्षण संघ का धन्यवाद करते हुए भविष्य में भी इसी तरह के कार्यों में सक्रिय रूप से भाग लेने का वचन दिया। यह प्रतिबद्धता न केवल यमुना के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि अन्य संस्थाओं और व्यक्तियों को भी प्रेरित करती है कि वे भी इस पुनीत कार्य में अपना योगदान दें।

आज जब जलवायु परिवर्तन और पर्यावरणीय प्रदूषण एक वैश्विक चुनौती बन गए हैं, तब ऐसे स्थानीय प्रयास और भी महत्वपूर्ण हो जाते हैं। यमुना की सफाई केवल एक नदी की सफाई नहीं है, बल्कि यह एक स्वस्थ पर्यावरण, एक स्वस्थ समाज और एक उज्जवल भविष्य की नींव है। हमें उम्मीद करनी चाहिए कि वी वन फाउंडेशन जैसे प्रयास जारी रहेंगे और जल्द ही यमुना फिर से अपने निर्मल स्वरूप में बहेगी।

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