बाढ़ में डूबी ज़िंदगी! We One Foundation की 'मदद की रोटी' से राहत

 


रिपोर्टर: अजीत कुमार पाण्डेय

मेरठ: पश्चिमी यूपी के खादर क्षेत्र के गांव खेड़ी कलां में बाढ़ से उपजी तबाही के बीच, वीवन फाउंडेशन उम्मीद की किरण बनकर उभरा है। संस्था ने गांव के सैकड़ों पीड़ित परिवारों को खाद्य सामग्री वितरित कर बड़ी मानवीय पहल की। यह राहत उन लोगों के लिए जीवनदायिनी साबित हुई है, जिनका सब कुछ पानी में बह गया है। 

बाढ़ पीड़ितों के लिए 'देवदूत' बनी वीवन फाउंडेशन

पश्चिमी उत्तर प्रदेश का मेरठ जिला इस मानसून में बाढ़ की भयावहता से जूझ रहा है। विशेष रूप से हस्तिनापुर ब्लॉक का खादर क्षेत्र, जिसमें खेड़ी कलां जैसे गांव शामिल हैं, जलमग्न हो चुका है। यहां की स्थिति हृदय विदारक है, जहां लोगों के घर और खेती-बाड़ी सब कुछ बर्बाद हो चुके हैं। 

इस मुश्किल घड़ी में, प्रसिद्ध सामाजिक संस्था वीवन फाउंडेशन ने अपनी पुरानी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए, इन पीड़ितों की मदद का बीड़ा उठाया। जब ज़रूरत पड़ी, तब साथ दिया खेड़ी कलां गाँव में संस्था से जुड़े लोग और स्वयंसेवक खाद्य सामग्री लेकर पहुंचे। 

वीवन फाउंडेशन के संस्थापक जयराम और महासचिव मनोज कुमार की अगुवाई में यह राहत वितरण अभियान चलाया गया। गांव के लोगों के चेहरे पर आई मुस्कान यह बताने के लिए काफी थी कि यह मदद उनके लिए कितनी अहम थी। 


भूख से लड़ने के लिए 'प्यार का पैकेट' 

वितरित की गई सामग्री में आटा, दाल, चावल, तेल, मसाले और अन्य आवश्यक वस्तुएं शामिल थीं, ताकि पीड़ित परिवार कम से कम एक सप्ताह तक भूख से लड़ सकें। संस्था के सदस्य भगवान दास ने बताया कि यह सिर्फ राशन नहीं, बल्कि मुश्किल में फंसे परिवारों के प्रति मानवीय संवेदना का प्रतीक है। 

राहत वितरण की मुख्य बातें 

स्थान: खेड़ी कलां गांव, हस्तिनापुर ब्लॉक, मेरठ। 

उद्देश्य: बाढ़ प्रभावित परिवारों को तत्काल खाद्य सहायता। 

उपस्थिति: संस्थापक जयराम, महासचिव मनोज कुमार, सदस्य भगवान दास और स्थानीय ग्रामीण। 


शिक्षा से लेकर अब राहत तक: एक अटूट रिश्ता 

यह ध्यान देने योग्य है कि वीवन फाउंडेशन का खेड़ी कलां गांव से रिश्ता नया नहीं है। संस्था पहले से ही इस क्षेत्र में शिक्षा के क्षेत्र में लगातार कार्य कर रही है। गांव के बच्चों को बेहतर शिक्षा प्रदान करने के उनके प्रयास सराहनीय रहे हैं। इसलिए, जब गांव पर संकट आया, तो फाउंडेशन ने शिक्षा से लेकर जीवन बचाने तक, हर मोर्चे पर आगे आकर अपनी जिम्मेदारी निभाई। 

यह दिखाता है कि ज़मीनी स्तर पर काम करने वाली संस्थाएं आपदा के समय कितनी महत्वपूर्ण होती हैं। मानवीयता की मिसाल कायम गांव के लोगों ने फाउंडेशन के सदस्यों का तहे दिल से शुक्रिया अदा किया। 

एक बुजुर्ग ग्रामीण ने भावुक होते हुए कहा, "पानी ने तो सब कुछ धो दिया था, पर ये लोग मदद का हाथ बनकर आए हैं। इस मुश्किल घड़ी में इनका आना किसी भगवान के आने से कम नहीं।" 

वीवन फाउंडेशन ने एक बार फिर साबित कर दिया कि असली सेवा भाव क्या होता है। उनकी यह पहल निःसंदेह अन्य संस्थाओं और समाज के लिए एक प्रेरणा है। 

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